Violet Line

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दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन डीएमआरसी प्रणाली के तहत वायलेट लाइन दिल्ली के कश्मीरी मेट्रो स्टेशन आते है, जिसकी कुल लंबाई 47 किलोमीटर की है। इस पूर दूरी को तय करने में 29 मिनट का समय लगता है। 3 अक्टूबर 2010 को वायलेट लाइन का विस्तार करते हुए केंद्रिय सचिवालय से सरिता विहार तक किया गया, जिसे वर्ष 2011 में बदरपुर तक बढ़ाया गया।

वर्ष 2014 में वायलेट लाइन को दिल्ली के मंडी हाउस से भी जोड़ा गया। वहीं 2015 में इसे आईटीओ और फिर 2017 में कश्मीरी गेट से होते हुए दिल्ली गेट, जामा मस्जिद और लाल किला तक विस्तार किया गया। वायलेट लाइन के आईटीओं से लेकर कश्मीरी लाइन तक के विस्तार को हेरिटेज लाइन के नाम से जाना जाता है। यह लाइन उन यात्रियों के लिए समानांतर लाइन के रूप में कार्य करती है, जो दक्षिण दिल्ली या फरिदाबाद के तरफ यात्रा करते है।

6 सितंबर 2015 में वायलेट लाइन को बदरपुर से सैटेलाइनट सिटी फरिदाबाद तक जोड़ा गया। यह डीएमआरसी द्वारा दूसरी दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर को जोड़ने वाली दूसरी मेट्रो लाइन है। इससे पहले येलो लाइन दिल्ली से हरियाणा के गुड़गांव तक जाती है। वायलेट का यह विस्तार 13.87 किलोमीटर का है, जिसमें 9 स्टेशन शामिल है।

वर्ष 2015 में वायलेट लाइन को एस्कोर्टस मुजेसर से लेकर फरिदाबाद तक शुरू किया गया था, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। वहीं नवंबर 2018 में हरियाणा के बल्लभगढ़ से (राजा नाहर सिंह मेट्रो) की शुरूआत की गई थी।

इंटरचेंज

वायलेट लाइन के लिए दिल्ली मेट्रो में कई इटरचेंज दिए गए है। वायलेट लाइन से यात्रा करने वाले यात्री कश्मीरी गेट रेड लाइन से बदल सकते है। वही येलो लाइन पर केंद्रिय सचिवालय और ब्लू लाइन में मंडी हाउस से मेट्रो बदलकर वायलेट लाइन से यात्रा कर सकते हैं। साथ ही मैजेंटा लाइन से सफर करने वाले यात्री कालकाजी मेट्रो स्टेशन और पिंक लाइन से यात्रा करने वाले यात्री लाजपत नगर से वायलेट लाइन से यात्रा कर सकते हैं।

योजना

डीएमआरसी के भविष्य योजनाओं के तहत वायलेट लाइन को नोयडा मेट्रो से होते हुए जेवार एयरपोर्ट से एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन तक जोड़ा जाना है। साथ ही यह लाइन हरियाणा के पलवल तक भी जाएगी।

दुर्घटना

हालांकि वायलेट लाइन शुरूआत आधिकारिक तौर पर वर्ष 2010 में होनी थी। लेकिन 12 जुलाई 2009 को इस्ट कैलाश के समीप जमरूदपूर के पास मेट्रो पुल के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण समय अवधि में बढ़ोत्तरी कर दी गई। इस घटना में 6 लोगों की मौत और 15 लोग घायल हो गए थे। वही इसके अगले दिन मलबा हटाने के क्रम में क्रेन पिन के छटकने से 6 लोग घायल हो गए थे।